• Diabetes Education & Research Center, Asuran (Medical College Road), Gorakhpur
  • Mon - Sat 8.00 - 18.00. Sunday CLOSED

इन्सुलिन प्रयोग के लिए आवश्यक निर्देश

इन्सुलिन प्रयोग के लिए आवश्यक निर्देश

इन्सुलिन सुरक्षित रखने के लिए निर्देश

  1. जहाँ तक संभव हो, इन्सुलिन को रेफ्रिजरेटर के अन्दर निर्धारित तापमान 2° से 8° सेल्सियस (36° से 46° फॉरेनहाइट) पर रखना चाहिए।
  2. जमे (बर्फीले) हुए इन्सुलिन का प्रयोग बिल्कुल न करें, (ध्यान रखें इन्सुलिन को रेफ्रिजरेटर के कूलिंग सिस्टम के बहुत पास अथवा फ्रीजर बाक्स में कत्तई न रखें)
  3. यदि आप अपने इन्सुलिन को रेफ्रिजरेटर में नहीं रख सकते तो उसे ठण्डे व अंधेरे स्थान में रखें।
  4. जमे (बर्फीले) हुए इन्सुलिन का प्रयोग बिल्कुल न करें, (ध्यान रखें इन्सुलिन को रेफ्रिजरेटर के कूलिंग सिस्टम के बहुत पास अथवा फ्रीजर बाक्स में कत्तई न रखें)
  5. इन्सुलिन को अधिक गर्म स्थान पर न रखें जैसेः-
    (क) कार के ड्रायविंग सीट के पास की जगह
    (ख) धूपदार खिड़की के पास
    (ग) कुकिंग रेंज या गैस स्टोव के निकट
    (घ) बिजली के उपकरणों के ऊपर जैसे- टेपरिकार्डर, टी.वी. इत्यादि।
  6. हवाई जहाज में यात्रा करते समय सारे इन्सुलिन वॉयल अपने साथ के केबिन बैग में ही रखें, सूटकेसों या दूसरे सामानों के साथ नहीं ताकि वह आपके साथ रहें।
  7. यात्रा के समय बीमारी का खतरा बना रहता है जिसके कारण आपको अधिक इन्सुलिन की आवश्यकता पड़ सकती है।
* इन्सुलिन वॉयल जो इस्तेमाल में है उसे कमरे के तापमान (25° सेल्सियस) पर करीब एक माह तक रखा जा सकता है। सफेद पड़े, दाने जमे हुए या भूरे हो गये इन्सुलिन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

इन्सुलिन मिलाने का तरीका

जल्दी असर करने वाली (पारदर्शी) इन्सुलिन तथा देर तक असर दिखाने वाली (धुंधली) इन्सुलिन को एक ही सिरिंज में कैसे मिलायें।
  1. खाली सिरिंज में निर्धारित धुंधली इन्सुलिन की मात्रा के बराबर हवा खीचें।
  2. हवा को धुंधली इन्सुलिन वाले वॉयल में भर दें परन्तु इन्सुलिन न खींचे।
  3. सूई को बाहर निकाले लें और वॉयल को एक तरफ रख दें।
  4. खाली सिरिंज में पारदर्शी इन्सुलिन की निर्धारित मात्रा के बराबर हवा खींचे तथा हवा को पारदर्शी इन्सुलिन के वॉयल में भर दें।
  5. वॉयल को उल्टा कर पारदर्शी इन्सुलिन की बतायी गयी मात्रा से थोड़ी अधिक मात्रा सिरिंज में खींच लें।
  6. अब वॉयल को आंख के स्तर पर रखें तथा मात्रा से अधिक खींची हुई इन्सुलिन को हवा के बुलबुलों के साथ वॉयल में वापस भर दें। इसके बाद सूई बाहर निकाल लें।
  7. अब धुंधली इन्सुलिन वाला वॉयल लें जिसमें हवा भरी गयी थी, सूई अन्दर डालकर बताई गयी निर्धारित मात्रा* सिरिंज में खींच लें।
  8. सूई को बाहर निकाल लें, अब यह मिश्रण इस्तेमाल के लिए तैयार है।
* यदि असावधानी के कारण सिरिंज में धुंधली इन्सुलिन की निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा निकल जाये तो गलती को सुधारने के लिए धुंधली इन्सुलिन की अधिक मात्रा को वॉयल में वापस न डालें, अब सिर्फ एक ही उपाय है, सिरिंज का खाली कर पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू करें।

इन्सुलिन इंजेक्शन लगाने का तरीका

  1. सिरिंज में पर्याप्त इन्सुलिन खींचे, सिरिंज में भर आये हवा के बुलबुलों को हल्के से हिलाकर हटायें।
  2. आवश्यकता से अधिक इन्सुलिन की मात्रा को वॉयल में वापस भर दें तथा सूई को वॉयल से खींच लें।
  3. सूई लगाने वाली जगह की त्वचा अच्छी तरह से बटोर कर पकड़ लें तथा सूई को 45° के कोण से त्वचा के नीचे घुसायें।
  4. इन्सुलिन को धीरे-धीरे अन्दर जाने दें, फिर एक उंगली से इंजेक्शन स्थल को दबा कर सूई को बाहर निकालें।
  5. इंजेक्शन लगाने के स्थान को बदलते रहें, क्योंकि एक ही जगह इंजेक्शन लगाने से त्वचा के नीचे घाव पड़ सकते हैं।
* नष्ट किये जा सकने वाले डिस्पोजेबल सिरिंजों को अवश्य नष्ट कर दें ताकि वे दूसरों को नुकसान न पहुँचा सकें, शीशे व धातु के सिरिंज को इस्तेमाल से पहले ठीक से साफ कर लें, सिरिंज के अवयवों को 10 मिनट तक पानी में उबालें, सिरिंज उबालने का बर्तन किसी अन्य कार्य के लिये प्रयोग न करें, उबालने के तुरन्त बाद उसके अवयवों को उठा लें।

वैधानिक चेतावनी

यह वेबसाइट मधुमेह रोगियों एवं जनसाधारण को इस रोग एवं इसके विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरुक करने के लिये है। यह चिकित्सक का विकल्प नहीं है। अपनी चिकित्सा के लिये सदैव अपने चिकित्सक से सम्पर्क बना कर रखें।