मधुमेह रोग आज सबसे व्यापक रोग के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। शायद ही कोई होगा जो ‘डायबिटिज’, ‘मधुमेह’, ‘शुगर’ की बीमारी से अपरिचित हो। ऐसा भी नहीं कि यह बीमारी प्राचीन युग में नही थी। आइये वर्तमान इतिहास में झाँक कर देखें कि इस बीमारी के बारे में लोगों की जानकारी और धारणायें क्या थीं। और...
मधुमेह एैसा रोग है जिसका तात्कालिक प्रभाव अधिकांश रोगियों में देखने को नहीं मिलता, और लम्बे समय तक पीड़ित व्यक्ति को इस बात का आभास नही होता कि वह इससे ग्रसित है और किसी शारीरिक अंग-यथा गुर्दे, आँख, हृदय आदि के प्रभावित होने के फलस्वरूप होने वाले लक्षण आने के पश्चात ही इस रोग का संज्ञान हो पाता है। और...
मधुमेह एक दीर्घकालिक रोग है अतः यह भी एक तनाव के रूप में रोगी के मनोविज्ञान को प्रभावित करता है। रोग ज्ञात होने के क्षण से लेकर आजीवन वह विभिन्न मनः स्थितियों से गुजरता है। आप सभी क्लब के सदस्य इस सत्य से भली भांति परिचित होंगे। आप पायेंगे कि जैसे आप के विषय में ही बात की जा रही है। और...
किसी भी दीर्धकालिक व्याधि के साथ सफलतापूर्वक स्वस्थ जीवन जीने के लिये उचित चिकित्सा के साथ उस व्याधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी परम् आवश्यक है। प्रिय मधुमेही बन्धुओं मधुमेह विषय पर इन्टरनेट पर विभिन्न वेब-साइट उपलब्ध है परन्तु हिन्दी में यह पहला वेब-साइट आपकी सुविधा एवं ज्ञान - वर्धन के लिये लाँच किया गया है। डा0 आलोक कुमार गुप्ता, चिकित्सक डायबिटीज एजुकेशन एवं रिसर्च सेंन्टर एवं चिकित्सीय सलाहकार ‘डायबिटीज सेल्फकेयर क्लब’ के द्वारा आप सभी का अभिवादन एवं इस वेबसाइट पर स्वागत है।
यह वेबसाइट मधुमेह रोगियों एवं जनसाधारण को इस रोग एवं इसके विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरुक करने के लिये है। यह चिकित्सक का विकल्प नहीं है। अपनी चिकित्सा के लिये सदैव अपने चिकित्सक से सम्पर्क बना कर रखें।